मंगलवार, 25 अक्तूबर 2011

कोहरा 06

आसमां में कोहरा छा गया

आसमां में जो कोहरा छा गया
आज मौसम का मज़ा आ गया
सर्दी के आने की हुई है आहट
गर्मी से मिल जाएगी अब रहत
होठो पर आयेगी कंपकंपाहट
तन मन में दौड़ेगी झुरझुराहट
पानी में ये कैसा ठंडापन आ गया
आसमां में जो कोहरा छा गया
आज मौसम का मज़ा आ गया

सर्दी में जठराग्नि भी बढ़ जाती है
पल पल में खाने की भूख सताती है
पकवानों की संख्या बढ़ जाती है
जो भी खाओ आंते सब पचाती है
गर्म हलुए पर जी ललचा गया
आसमां में जो कोहरा छा गया
आज मौसम का मज़ा आ गया

सब वाहन की गति रुक जाती है
समय की गति कहाँ रुक पाती है
जहाँ जाओ वही देरी हो जाती है
यह कोहरे को समझ कहाँ आती है
मुहं से भी धुआ बहार भी धुआ छा गया
आसमां में जो कोहरा छा गया
आज मौसम का मज़ा आ गया

सूरज को बल देता है बदल का आना
नव किरण के लिए जरुरी कोहरा छाना
मिलाने के लिए जरुरी है बिछुड़ा जाना
सवेरे के लिए जरुरी है साँझ का आना
कोहरे से जीवन नव संबल पा गया
आसमां में जो कोहरा छा गया
आज मौसम का मज़ा आ गया

विमल कुमार हेडा
कोटा, राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें