जागी वसुधा की तरुणाई
रवि ने जब-जब ली अँगड़ाई
उपवन हैं सब खिले-खिले
विहगों के दल हिले-मिले
मस्ती-भरी चली पुरवाई
कमल-कली हँसकर शरमाई
रवि ने जब-जब ... ...
लगे नलिन खिल-खिलकर गाए
तितली आ उस पर मँडराए
जीवन की शुभ रीत सिखाई
पंकज ने भी सुषमा पाई
रवि ने जब-जब ... ...
गुन-गुन करे कमलिनी कोमल
अलियों के दल गाएँ सोहल
हर तरु की पत्ती हर्षाई
झीलों में लालिमा नहाई
रवि ने जब-जब ... ...
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संगीता स्वरुप
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