सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

बादलों को इस बरस क्या हो रहा है 10

आषाढ़ से आकाश अब तक रो रहा है
बादलों को इस बरस क्या हो रहा है

आज पानी बन गया जंजाल है
भूख से पंछी हुए बेहाल हैं
रश्मियों को सूर्य अपनी खो रहा है
बादलों को इस बरस क्या हो रहा है

कब तलक नौका चलाएँ मेह में
भर गया पानी गली और गेह में
इन्द्र जल-कल खोल बेसुध सो रहा है
बादलों को इस बरस क्या हो रहा है

बिन चुगे दाना गगन में उड़ चले
घोंसलों की ओर पंछी मुड़ चले
दिन-दुपहरी दिवस तम को ढो रहा है
बादलों को इस बरस क्या हो रहा है
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डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक"
टनकपुर रोड, खटीमा
ऊधमसिंहनगर, उत्तराखंड, भारत - 262308
फोनः05943-250207, 09368499921, 09997996437

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