सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

आओ, खेलें खेल 10

सिक्का तो उछालना ही है
हैड मिले या टेल
बरखा के पानी में हिलमिल
आओ, खेलें खेल

हार न जाएँ, हम इस डर से
ऐसा मेल बनाएँगे
हर हालत में प्रतिद्वंद्वी को
जो कर देगा फेल
फिक्सिंग भी है बहुत ज़रूरी
माल मिले या जेल

पाउच बना सजीला मनहर
माल भरेंगे घटिया
छूट बढ़ाकर, दाम घटाकर
इसे करेंगे सेल
गारंटी की बात न कोई
ग्राहक लेंगे झेल
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रावेंद्रकुमार रवि

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