चलें रीति से
नीति निभाते
मीत सड़क पर
हौले हौले कदम उठायें
इधर उधर भी नज़र फिरायें
बेमतलब ना दौड़ लगायें
अवरोधक पे
पल भर थम जायें
सोचें फिर रुक कर
चलें रीति से - नीति निभाते - मीत सड़क पर
जीवन है मारग जैसा ही
रखवाली की गरज इसे भी
जिसने इसकी अनदेखी की
उसकी हालत
सब जानें, होती
बद से भी बदतर
चलें रीति से - नीति निभाते - मीत सड़क पर
दौनों होते नये पुराने
दौनों के सँग लोग सयाने
दौनों 'निविदा' के दीवाने
दौनों सब से
लेते हैं हक से
अपना-अपना 'कर'
चलें रीति से - नीति निभाते - मीत सड़क पर
-नवीन चतुर्वेदी
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