सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

यही आज का समाचार है 15

उठापटक के खेले चलते
हुआ अखाड़ा सभागार है
यही आज का समाचार है

दिन विपदा के परजा भुगते
शाहों के घर बजें बधावे
रामराज घर-घर व्यापेगा-
रहे खोखले उनके दावे

टका सेर के खाजे का
परजा को अब भी इंतज़ार है
यही आज का समाचार है

ठूँठ-हुए पीपल पर बैठी
गौरइया के पंख जले हैं
खबर सुर्ख़ियों में है आई-
बड़के राजा बड़े भले हैं

उनके पाले गीधों ने
उत्पात मचाया द्वार-द्वार है
यही आज का समाचार है

नौटंकी में लँगड़ी नटिनी
राज्यलक्ष्मी बनी रात कल
कोख धरा की सूनी-बंजर
फटा हुआ है माँ का आँचल

इन्द्रप्रस्थ की अप्सराओं के
चेहरों पर अद्भुत निखार है
यही आज का समाचार है

-कुमार रवीन्द्र

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