आई होली
धूम मचाओ सा रा रा रा...
होरी की
झुग्गी में चूल्हा
रहे न सूना
अलगू-जुम्मन
दूर न हों तो
हो सुख दूना
जनप्रतिनिधि भी
सहे वेदना
नेता को
इंसान बनाओ सा रा रा रा...
बनें न हम
बाजार महज़
ना माल बिकाऊ
भौजी की
फागों से हों
रसभरे टिकाऊ
पर्व व्यवस्था
स्वस्थ, सेंतना
रंग-अबीर संग
भेद भुलाओ सा रा रा रा...
-आचार्य संजीव 'सलिल'
धूम मचाओ सा रा रा रा...
होरी की
झुग्गी में चूल्हा
रहे न सूना
अलगू-जुम्मन
दूर न हों तो
हो सुख दूना
जनप्रतिनिधि भी
सहे वेदना
नेता को
इंसान बनाओ सा रा रा रा...
बनें न हम
बाजार महज़
ना माल बिकाऊ
भौजी की
फागों से हों
रसभरे टिकाऊ
पर्व व्यवस्था
स्वस्थ, सेंतना
रंग-अबीर संग
भेद भुलाओ सा रा रा रा...
-आचार्य संजीव 'सलिल'
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