ताजे समाचार हैं नए समाचार हैं
अति विचित्र सृष्टि की माया
देख समंदर क्यों उफनाया
अतिक्रमण अब नहीं सहेगा सागर भी तैयार है
ताजे समाचार अब नए समाचार हैं
धर्म-कर्म और न्यायशीलता
सच्चाई ईमान साथ में
जा पहुँचे फिर शब्दकोष में कर रहे विहार हैं
ताजे समाचार हैं नए समाचार हैं
कविगण छंदमुक्त के कायल
बंधन करते सबको घायल
पिंगल के पचड़े को छोड़ो मुक्त छंद भरमार हैं
ताजे समाचार हैं नए समाचार हैं
--अम्बरीष श्रीवास्तव
(सीतापुर)
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